ठाणे : (संवाददाता) मुंबई से लगे ठाणे की मीरा भयंदर विधानसभा सीट पर इन दिनों महायुति के दो घटक दलों के नेताओं में अरसे से चल रही जुबानी जंग अब और तेज हो गई है। शिवसेना शिंदे गुट की मौजूदा विधायक गीता जैन ने गत दिनों पत्रकार के एक प्रश्न का जवाब देते हुए पूर्व भाजपा विधायक नरेंद्र मेहता पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि वह नगर महापालिका की बिल्डिंग से छलांग ही लगाना चाहते हैं तो फिर वह बिना जाली वाली बिल्डिंग ढूंढ कर उससे छलांग लगा लें क्योंकि उनके कृत्य भी कुछ ऐसे ही हैं जिससे पूरे मीरा भयंदर शहर को शर्मसार होना पड़ा है ऐसे उनके कृत्य हैं इतना भ्रष्टाचार और उनके ऊपर लगे मुकदमों को आप देखेंगे तो सचमुच उन्हें अब चलांग लगा लेना चाहिए।
विदित रहे कि मीरा भयंदर नगर महापालिका क्षेत्र के रहिवासी एक लंबे समय से क्षेत्र में स्लाटर हाउस की मांग करते आ रहे हैं जिसे महाराष्ट्र शासन ने एक लंबे इंतजार के बाद अपने स्वीकृति प्रदान कर दी है और इस संदर्भ में महानगरपालिका मीरा भयंदर ने इस के निर्माण के लिए 40 करोड रुपए का टेंडर भी जारी कर दिया है। लेकिन शहर से भाजपा नेता और पूर्व भाजपा विधायक नरेंद्र मेहता खुलकर इस स्लाटर हाउस के विरोध में सामने आ गए हैं उन्होंने आज मंगलवार को अहिंसा चौक भयंदर वेस्ट से एक जनआक्रोश आंदोलन भी निकालने की बात कही है उन्होंने कहा कि मेरे होते हुए शहर में इस तरह का प्रयोग कभी सफल नहीं होने पाएगा और यदि ऐसा हुआ तो इस महानगरपालिका की बिल्डिंग से प्रभु महावीर की सौगंध मैं कूद जाऊंगा लेकिन स्लाटर हाउस नहीं होने दूंगा, उन्होंने कहा कि मैं कर्म से और धर्म से एक जैन हूं और जैन समाज का होने के नाते मेरा फर्ज बनता है मैं इस समाज की आस्थाओं का पालन करूं मेहता ने कहा कि मीरा भयंदर शहर आज दुनिया भर धर्म नगरी के नाम से जाना जाता है मैं इसे कलंकित नहीं होने दूंगा।
विदित रहे कि मीरा भयंदर शहर से मौजूदा विधायक गीता जैन शिवसेना शिंदे गुट से हैं उनकी शहर में अच्छी पैठ भी मानी जाती है वहीं दूसरी तरफ भाजपा नेता और पूर्व भाजपा विधायक नरेंद्र मेहता महायुति से प्रबल दावेदार माने जाते हैं जिन पर कई आपराधिक मुकदमे भी दर्ज हैं दोनों ही महायुति नेताओं के दरमियान इन दिनों जबरदस्त तनातनी चल रही है मौजूदा विधायक गीता जैन ने प्रेस से बात करते हुए नरेंद्र मेहता के कुछ ऐसे कृतियों की ओर भी इशारा कियाbऔर कहा कि उनके कुछ कृत तो ऐसे हैं जिससे पूरे शहर को ही शर्मसार होना पड़ा था।