Pakistan Drug Resistance Created Superbug: किसी भी एंटीबायोटिक दवा का लंबे समय तक इस्तेमाल शरीर पर उसके असर को कम कर देता या फिर बिल्कुल खत्म कर देता है, इसे ड्रग रेजिस्टेंस कहते हैं।
Pakistan Drug Resistance Created Superbug: भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान को लेकर एक हैरान कर देने वाली स्टडी रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की आम जनता एक गंभीर स्वास्थ्य परेशानी से जूझ रही हैं, जिसका नाम है ड्रग रेजिस्टेंस, जिसने पाकिस्तान में बड़े लेवल पर सुपरबग पैदा कर रहा है। ये परेशानी उत्तरी पाकिस्तान के पेशावर में ज्यादा है।
सर्वे और स्टडी रिपोर्ट
पाकिस्तान में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर द ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन जर्नलिज्म लंदन ने एक सर्वे और स्टडी की, जिसकी रिपोर्ट अब सामने आई है। इस स्टडी रिपोर्ट में बताया गया है कि सर्वे के दौरान उत्तरी पाकिस्तान के पेशावर में कई महिलाएं बीमार पाई गई। इनमे से ज्यादातर महिलाएं खांसी, बुखार और जुकाम जैसी बीमारियों से पीड़ित थी। इन महिलाओं से बात करने के बाद पता चला कि उन्हें ये बीमारी कई महीनों से है।
पाकिस्तान में तेजी से बढ़ रहा सुपरबग
इन महिलाओं में से एक ने तो सरकार द्वारा दी जाने नि:शुल्क स्वास्थ्य सुविधाओं में अपना इलाज करवाया था। हालांकि, उस महिला इस बात का ज्ञान नहीं था कि उन्हें अस्पताल से मिली दवांए कितनी खानी, कितने समय के अंतराल पर खानी है और कब तक खानी है। यही समस्या पाकिस्तान की ज्यादातर अबादी के लिए परेशानी का सबब बन गई है। जो दवाएं बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए बनाई गई थी, वो ड्रग रेजिस्टेंस की वजह से बैक्टीरिया को और ताकतवर बना रही है। इसकी वजह से पाकिस्तान में सुपरबग तेजी से बढ़ रहा है।
क्या होता है ड्रग रेजिस्टेंस?
डॉक्टरों की माने तो अगर किसी भी एंटीबायोटिक दवा का लंबे समय तक इस्तेमाल किया जाए तो धीरे-धीरे हमारे शरीर पर उसका असर होना या तो कम होने लगता है या बिल्कुल बंद हो जाता है।
पाकिस्तान के गरीब इलाके ज्यादा ग्रसित
ड्रग रेजिस्टेंस की समस्या पाकिस्तान के गरीब इलाकों और वहां के लोगों में ज्यादा देखने को मिली। ऐसे इलाकों में कई ऐसे व्यक्ति हैं, जिनकी बीमारी सुपरबग की वजह से ठीक नहीं हो पा रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में हर साल 1.27 मिलियन मौत एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस वजह से होती है, लेकिन वहीं, इसके अलावा लाखों लोग ड्रग रेजिस्टेंस की समस्या से जूझ रहे हैं।