लखनऊ : (संवाददाता) यहाँ के इस्लामिक सेंटर ऑफ़ इंडिया ईदगाह लखनऊ में गत दिनों वक़्फ संशोधन विधेयक के सिलसिले में गठित जेपीसी ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमिटी के चेयरमैन जगदंबिका पाल की यहाँ के मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली अध्यक्ष इस्लामिक सेंटर आफ इंडिया और अन्य उलेमा अधिवक्ता और बुद्धिजीवियों की मौजूदगी में एक अहम बैठक संपन्न हुई बैठक में मौलाना खालिद रशीद मौलाना जफर मसूद नदवी अतीक अहमद बस्तवी, शैख़ सऊद रईस एडवोकेट, मोहम्मद शोएब पूर्व सीओ सुन्नी सेंट्रल लॉक बोर्ड गुफरान अहमद, अरशद आज़मी, अमीक़ जामेंई और जिया जिलानी आदि वक्ताओं ने खुलकर अपने विचार रखे और एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पास किया बैठक का संचालन मौलाना नईम उर रहमान सिद्दीकी महासचिव इस्लामिक सेंटर ऑफ़ इंडिया ने किया इस अवसर पर विभिन्न संस्थाओं की ओर से संयुक्त पार्लियामेंट्री कमिटी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल को 20 बिंदुओं पर आधारित ज्ञापन दिया गया इस में विशेष कर वक़्फ संशोधन विधेयक को खत्म किए जाने, जरूरत से अधिक जिला कलेक्टर को पावर दिए जाने, वक़्फ बोर्ड में ग़ैर मुसलमानों को शामिल किए जाने, बिना चुनाव कराये पिछले दरवाज़े से अपने मन चाहे लोगों की शमुलियत जैसे बिंदुओं पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई गई ज्ञापन में इन बिंदुओं को भारत के संविधान की धारा 14, 25,26,और 29 का खुला उल्लंघन बताया गया बैठक में शामिल होने वालों सभी बुद्धजीवियों ने एक राय हो कर कहा कि यह वक़्फ संशोधन विधेयक मुसलमान के पक्ष में नहीं है इसमें बहुत सी ऐसी धाराएं भी हैं जिनसे वक़्फ के वजूद को ही खतरा पैदा हो रहा है हम जेपीसी के चेयरमैन की मौजूदगी में सरकार से यह मांग करते हैं कि इस बिल को तुरंत ही वापस लिया जाए इस अवसर पर चेयरमैन जेपीसी जगदंबिका पाल ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार ने हमको यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी दी है इस सिलसिले में हमारी कमेटी तमाम मुस्लिम संगठनों से ख़ुद मुलाकात कर रही है ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रतिनिधि मंडल के साथ भी हमारी बातचीत हुई है पाल ने कहा कि यह मेरी खुशकिस्मती है कि मुझको यह जिम्मेदारी दी गई मैं पूरी क़ौम को यह यकीन दिलाना चाहता हूं कि वक़्फ के साथ किसी भी तरह की कोई नाइंसाफी नहीं होने दी जाएगी मौलाना खालिद रशीद ने अपने संबोधन में कहा कि अपनी मिल्कियत की कोई चीज जैसे जमीन जायदाद आदि को अपनी मिल्कियत से निकाल कर ख़ुदा पाक की मिल्कियत में इस तरह दे देना कि इसका लाभ खुदा पाक के बंदों को मिलता रहे उसको वक़्फ कहते हैं वक़्फ का हुक्म कुरान करीम में नबी पाक(सo अo) की सुन्नत और साहाबा कराम के तरीके से साबित होता है मौलाना सैयद जाफ़र मसऊद हसनी नदवी सचिव नदवातुल उलेमा लखनऊ ने कहा कि हमारे बुजुर्गों ने किसी और की नहीं बल्कि अपनी निजी ख़ून पसीने से अर्जित जायदाद वक़्फ की है ताकि इसका फायदा हमारे लोगों को हमेशा मिलता रहे और वक़्फ करने वाले को मरने के बाद भी इसका सवाब मिलता रहे उन्होंने कहा कि यह इस्लाम मजहब की बुनियादी शिक्षा के अनुसार है जिसको दुनिया भर के मुसलमान काबा शरीफ की स्थापना के बाद से आज तक बाकी रखे हुए हैं मोहम्मद शोएब अध्यक्ष अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ओल्ड बॉयज एसोसिएशन ने अपने संबोधन में कहा कि वक़्फ प्रॉपर्टीज़ की संख्या को लेकर बड़े पैमाने पर गलतफहमियां फैलाई गई हैं जबकि इस सिलसिले में सिर्फ यूपी सुन्नी सेंट्रल वक़्फ बोर्ड की मिसाल ली जाए तो यहां लगभग एक लाख बीस हज़ार औक़ाफ़ रजिस्टर्ड हैं उन्होंने कहा कि दूसरी सबसे बड़ी गलतफहमी इस वजह से भी पैदा हो गई है कि हाल ही में जो जी आई एस मीटिंग हुई उसमें भी बड़े पैमाने पर खामियां हैं हद तो यह है कि एक-एक कब्र को एक-एक वक़्फ प्रॉपर्टी के तौर पर पेश किया गया है एडवोकेट सऊद रईस ने कहा कि हमने धार्मिक मुक़ामात का इंतजाम अपनी धार्मिक हिदायत व रवायात के अनुसार करने का अधिकार संवैधानिक अधिकार के तौर पर संविधान की धारा 26 ने हम सबको दिया है उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कई मामलों में साफ फैसला दिया है कि जो एक बार वक़्फ हो गया वह हमेशा वक़्फ़ प्रॉपर्टी ही रहेगा बैठक को संबोधित करते हुए जिया जिलानी ने कहा कि वक़्फ में कितने भी संशोधन पेश किए जायें वह हमारे भारत के संविधान के खिलाफ हैं जो कि जाहिर है कि वह मुसलमान के हक में नहीं है वहीं अमीक़ जामेंई ने कहा कि वक़्फ प्रॉपर्टी के रखरखाव के संदर्भ में पहले से एक्ट मौजूद है किसी भी और संशोधन की कोई आवश्यकता नहीं है वही मोहम्मद गुफरान ने कहा की मस्जिद कब्रिस्तान दरगाह और यतीमखानों का इंतजाम वक़्फ बोर्ड के जरिए इस्लामी अक़ीदे और रवायात के अनुसार किया जाता है इसमें किसी दूसरे धर्म के लोगों की संलिप्तता भला कैसे मुमकिन हो सकती है बैठक को संबोधित करते हुए अरशद आज़मी ने कहा कि वक़्फ संशोधन विधेयक का ड्राफ्ट पढ़ने के बाद ऐसा लगता है कि सरकार यह भूल गई है कि वक़्फ प्रॉपर्टीज मुसलमानों की निजी प्रॉपर्टीज हैं यह पब्लिक प्रॉपर्टी नहीं है और ना उन्हें पब्लिक की रकम से वक़्फ किया गया है इस मामले में सरकार को यह समझना चाहिए कि वह वक़्फ प्रॉपर्टीज के इंतजाम और नई वक्फ़ रॉपर्टीज की तामीर व तरक्की में उसका कंट्रोल कम से कम होना चाहिए इस अवसर पर लखनऊ के ऐशबाग स्थित इस्लामिक सेंटर में कई गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति देखी गई दाउद अहमद पूर्व सांसद,कलाम खान, अब्दुल नासिर, मौलाना मोहम्मद नसरुल्लाह मौलाना जफरुद्दीन, मौलाना मोहम्मद फैजान नग़रामी, बिलाल नूरानी, डॉ शाकिर हाशमी,नजमुद्दीन अहमद फारुकी और अयाज अहमद के अलावा बड़ी संख्या में बुद्धजीवी और गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति दर्ज की गई